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Showing posts from March, 2022

दिल से हिंदुस्तानी

उम्र कोई मसला नहीं रगो में जवानी और खून में रवानी चाहिए, भगत सिंह की परछाई जैसा होने के लिए भी दोस्तों, पहले दिल में देशभक्ति आनी चाहिए। मातृभूमि की रक्षा के लिए वो सूली जवानी में चढ़े,  आज़ादी का दौर है दोस्तों अब तो गद्दारो की छाती देशभक्तो की आहट से भी कांप जानी चाहिए।   अब इंक़लाब आता नहीं बस चीखने चिल्लाने से, हर इंक़लाब को आज सबसे ज्यादा बुद्धिमानी चाहिए।  आओ मिलकर बनाये दोस्तों अपने शहीदों की उम्मीदों का भारत,  जिसे देखकर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के संग हर एक बलिदानी की शाहदत जन्नत में भी मुस्कुरानी चाहिए। मिलकर रहो दोस्तों, जाति, धर्म का दामन पीछे छोड़कर, हमको तो भारत के हर कण में बसने वाला हर कोई शख़्स बस दिल से हिंदुस्तानी चाहिए। ~ दिगम्बर रमेश हिंदुस्तानी 🇮🇳

इंसाफ की लड़ाई

इंसाफ की लड़ाई अक्सर बगावत मांगती है, चीज पुरानी हो तो क्या, हर चीज हिफाजत मांगती है। लड़ने वाला तो बस जीत का तलबगार होता है, आजकल तो हक की लड़ाई भी, एक जमानत मांगती है। सौंपती आई है जो जनता, अपनी तिजोरी की चाबियां तुमको, आज मालिक के हक से, वो अपनी अमानत मांगती है। किसको मतलब है देश से,  और कौन मतलबी है ! अब भी ये जनता भोली, बिल्कुल नहीं पहचानती  है। बोलकर मीठा सामने, जो हमारी पीठ में खंजर उतारते हैं, ऐसे लोगों को भी ये आवाम अपना मानती हैं। करके भरोसा हर एक पर अब तलक सिर्फ धोखा‌ ही खाया है, मगर आजकाल मेरी नजरें, हर एक की नियत पहचानती है। ~दिगंबर रमेश हिंदुस्तानी🇮🇳