मोहब्बत मे चित्रण

उसने मेरा चित्रण मोहब्बत में बिल्कुल खुँखार बना रक्खा है। 

जिस जिससे मुझको नफरत है उसने उन सब बातों को अपना यार बना रक्खा है। 


ख़ुद ही देकर मुझको धोख़ा, धोखेबाज मुझी को साबित करने पर तुले है वो। 

उसने ख़ुद को इतने अव्वल दर्जे का एक बेहतरीन कलाकार बना रक्खा है। 


पहले इश्क़ जताना, फिर मोहब्बत मे आशिकों के दिल से खेलना। 

लगता हैं हुस्न की परियों ने,आजकल इसी को अपना कारोबार बना रक्खा है। 


एक झूठी दिखावे भरी शानोशौकत की दुनिया में उलझ कर बैठे है वो। 

ना जाने किसके बहकावे मे, उसी दुनिया को उसने अपना संसार बना रक्खा है। 


-दिगंबर रमेश हिंदुस्तानी 🇮🇳

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