तेरी कमीं



तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

तू सावन में, तू बादल में,
तू बारिश में, तू अँचल में,
तू लगें कोई सरकार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

मेरा दिल भी तू, मेरी धड़कन तू,
मेरी साँसे तू, मेरी तड़पन तू,
तू लगे हैं इक इंतजार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

तू विंध्याचल, हिमालय तू,
मेरे दिल में एक महासागर तू,
तू लगें है मेरा प्यार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

तेरी यादें हैं, तेरी बातें हैं,
तेरे खयाल भी मुलाक़ातें हैं,
तू लगें हैं कैदी फ़रार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

तू स्वीमिंग पुल, तेरी फ़ीलिंग फुल,
तू जादूगर, तू बाज़ीगर,
तू लगें कोई दरबार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

मेरा गीत भी तू, मेरा मीत भी तू,
मेरा होश भी तू, मदहोश भी तू,
तू सुरों की लगें झंकार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।

मेरा ईश हैं तू, मेरा प्यार हैं तू,
मेरा दिल हैं तू, मेरी जान हैं तू,
तू लगें हैं सोहना यार मुझें।।२।।

तेरी कमीं करें बेकरार मुझें।।२।।
कहीं मिलता नहीं करार मुझें।।२।।


-✍️:- दिगम्बर रमेश हिंदुस्तानी🇮🇳 

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