दीवाने की दीवानगी

उसके दिल की गली में अब मेरा आशियाना नहीं, 

हां दोस्त, मैं बेघर हूं, मेरा कोई ठिकाना नहीं।


कभी जो कहता था सबसे, है एक पागल दीवाना मेरा,

अब कहता फिरता है वो सबसे, मेरा कोई दीवाना नहीं।


कभी जो कहता था की, अपने दिल को छुपा कर रखो सबसे,

अब वो कहता है कि अपने दिल की बात भी किसी को बताना नहीं।


लगाए थे उसने हर बार मेरे दिल पर निशाने इतने गहरे,

कि अब वो कहता है अपने जख्मों को किसी को दिखाना नहीं।


कभी जो कहता था के मुस्कुराते हुए अच्छे लगते हो तुम,

वही कहता है नयनों से अश्क छलकाओगे तुम, खुदा के वास्ते यहां तो मुस्कुराना नहीं।


तुम लौट आओ कि करेंगे, अबकी मोहब्बत बेशुमार इतनी,

है इंतज़ार कबसे तुम्हारा, के अब तुम करना कोई बहाना नहीं।


दीवाने तो तुमने दुनिया में देखे होंगे बहुत से जांना,

मेरी दीवानगी देखोगे तो कहोगे कि तुम सा देखा मैंने कोई दीवाना नहीं।


और किसी को सताने की, मस्करी करने की एक हद होती है,

मैं हो जाऊंगा पागल कि अब तुम मुझको इससे ज्यादा और सताना नहीं।


कुछ बातें मोहब्बत की दिल टूटने के बाद ऐसी होती हैं के बनाते हैं सब मजाक, 

इसीलिए कहते हैं कुछ लोग वो बातें किसी को बताना नहीं।


- दिगम्बर रमेश हिंदुस्तानी 🇮🇳

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